Had Se Jyada Bhi Pyar Poetry Lyrics In Hindi By Qamar Ezaj
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना Lyrics
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना
दिल हर एक पे निसार मत करना
क्या खबर किस जगह पे रुक जाये
सास का एतबार मत करना
आईने की नज़र न लग जाये
इस तरह से श्रृंगार मत करना
तीर तेरी तरफ ही आएगा
तू हवा में शिकार मत करना
डूब जाने का जिसमे खतरा है
ऐसे दरिया को पार मत करना
देख तौबा का दर खुला है अभी
कल का तू इंतज़ार मत करना
मुझको खंज़र ने ये कहाँ है एजाज़
तू अँधेरे में वार मत करना
Qamar Ezaj
Had Se Jyada Bhi Pyar Poetry Lyrics In Hindi
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना Lyrics
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना Lyrics
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना
दिल हर एक पे निसार मत करना
क्या खबर किस जगह पे रुक जाये
सास का एतबार मत करना
आईने की नज़र न लग जाये
इस तरह से श्रृंगार मत करना
तीर तेरी तरफ ही आएगा
तू हवा में शिकार मत करना
डूब जाने का जिसमे खतरा है
ऐसे दरिया को पार मत करना
देख तौबा का दर खुला है अभी
कल का तू इंतज़ार मत करना
मुझको खंज़र ने ये कहाँ है एजाज़
तू अँधेरे में वार मत करना
Qamar Ezaj
Had Se Jyada Bhi Pyar Poetry Lyrics In Hindi
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना Lyrics